
जब सूर्य देव की पत्नी ‘छाया’ शिव की पूजा में लीन थी, तो उसने खाने-पीने तक की भी सुध न की थी। मान्यता है शिव के वरदान से उसे जो संतान पैदा हुई वह काले रंग की पैदा हुई। उसका यह काला रूप देखकर उसके पिता ने उसे अपनी संतान मानने से इंकार कर दिया। उस पुत्र में भी उसकी मां के तप की शक्ति विद्यमान थी। पुत्र ने अपने पिता को क्रोधित होकर देखा तो, वह भी काले रंग के हो गए। तत्पश्चात भगवान शिव के कहने पर सूर्य देव को अपनी गलती स्वीकार करते हुए अपनी पत्नी से क्षमा-याचना करनी पड़ी, तब उनको वास्तविक रूप वापस मिला। यह सब हुआ उस बालक के कारण जो ‘शनिदेव’ के नाम से जाना जाने लगा। प्रस्तुति : संदीप भारद्वाज
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