
ब्रिटिश कवि व चिकित्सक डॉ. ओलिवर गोल्डस्मिथ साहित्य साधना तथा परोपकारी कार्यों के लिए काफी चर्चित थे। वे मरीज की सूरत देखकर भांप लेते थे कि वह किस शारीरिक रोग से ग्रसित है या मानसिक तनाव के चलते बीमार है। एक बार एक गरीब रोगी उनके यहां आया। वे उससे बातचीत करते ही जान गये कि गरीबी ने उसे मरीज बनाया है। उसकी जांच करने के बाद वे उसकी पत्नी से बोले, ‘तुम सुबह मेरे घर आ जाना। वहीं से तुम्हें बढ़िया दवा दूंगा। तुम्हारे पति एक ही दिन में ठीक हो जायेंगे।’ महिला अगले दिन उनके घर पहुंची। गोल्डस्मिथ ने सोने की चंद गिन्नियां एक डिब्बे में रखीं और उसे देते हुए बोले, ‘दवा नहीं, ये गिन्नियां तुम्हारे पति को तनावमुक्त करेंगी। तुरंत एक छोटा-सा स्टोर शुरू कर दो। आमदन आरंभ होते ही तुम सब स्वस्थ हो जाओगे।’ गोल्डस्मिथ की दरियादिली देखकर महिला की आंखें सजल हो उठीं। वहीं गिन्नी पाते ही उनके पति निरोग हो गये। प्रस्तुति : राजकिशन नैन
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