
एक बार एक अमेरिकी कंपनी ने जापान में अपना कार्यालय शुरू किया। जाहिरा तौर पर कंपनी के कामगार जापानी ही चुने जाने थे। उन दिनों कंपनी के अमेरिकी कार्यालयों में सप्ताह में पांच दिन कामकाज होता था। कर्मचारी सप्ताह में पांच दिन काम करते थे और दो दिन छुट्टी। जबकि एशियाई देशों में छह दिन कार्य सप्ताह होता था। अमेरिकी कंपनी के अधिकारियों ने अपने जापानी कर्मियों को भी पांच दिन के सप्ताह का प्रस्ताव दिया। लेकिन जापानी कर्मचारियों ने इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया। कर्मचारियों का तर्क था कि हमारे लिये सप्ताह में एक दिन का अवकाश पर्याप्त है। यदि हमने सप्ताह में दो दिन का अवकाश लिया तो हम अकर्मण्य व आलसी हो सकते हैं। दो दिन के अवकाश का उपयोग करने के लिये हमें सैर-सपाटे व मनोरंजन पर अधिक धन खर्च करने की लत लग जायेगी। इस तरह पांच दिन का सप्ताह न केवल हमारा अनावश्यक आर्थिक अपव्यय बढ़ाएगा बल्कि हमें अकर्मण्य भी बनायेगा।
प्रस्तुति : मधुसूदन शर्मा
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