
21 नवंबर के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकशित राजकुमार सिंह के लेख ‘विपक्ष को दिशा दे पाएगी दिशाहीन कांग्रेस’ हाल फिलहाल में कांग्रेस और विपक्षी दलों को आईना दिखाने वाला था। लेखक ने बिहार चुनाव में महागठबंधन के हश्र और कांग्रेस की इसमें भूमिका का सच बताया। लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस इस सच को हजम करने से कतरा रही है। लगातार हार झेलने के बावजूद कांग्रेस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस की नाकामियों और विपक्ष की हकीकत से परिचित कराने के लिए लेखक को साधुवाद!
मधुसूदन शर्मा, रुड़की, हरिद्वार
चीन को जवाब
अरब सागर में 17 से 20 नवंबर तक आयोजित संयुक्त नौसैनिक अभ्यास मालाबार पहले की तुलना में अधिक जटिल था। इसमें भारतीय और अमेरिकी विमान वाहक दोनों की भागीदारी शामिल थी। यह खास इसलिए भी था क्योंकि इस अभ्यास में भारतीय नौसेना का विक्रमादित्य कैरियर बैटल ग्रुप और अमेरिकी निमित्ज कैरियर बैटल ग्रुप्स शामिल थे। यह अभ्यास ऐसे समय में किया जा रहा है जब भारत और चीन की सेनाएं लद्दाख सीमा पर लामबंद हैं। यह उद्देश्य साफतौर पर चीन की हरकतों के खिलाफ एक साझा समुद्री मोर्चा है।
अमीषा पठानिया, लुधियाना, पंजाब
कांग्रेस की बदहाली
कांग्रेस पार्टी आज खुद ही आंतरिक कलह से पीड़ित है। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल द्वारा बिहार चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन और कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाने पर कांग्रेसी नेता अधीर रंजन इतने तिलमिला उठे कि उन्होंने कपिल सिब्बल को किसी अन्य पार्टी में जाने और नई पार्टी बनाने की नसीहत दे डाली। कांग्रेस को समझना होगा कमियों को दबा कर नहीं बल्कि मंथन करके ही आंतरिक असहमति पर काबू पाया जा सकता है।
पुलकित जैन, बनूड़
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