Kalashtami 2025: कालाष्टमी आज, भय, संकट और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति के करें ये काम
Kalashtami 2025: आज काल भैरव जयंती यानी कालाष्टमी है। मान्यता है कि आज के ही दिन भगवान शिव ने अपने रौद्र रूप काल भैरव के रूप में अवतार लिया था। यह तिथि मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आती...
Kalashtami 2025: आज काल भैरव जयंती यानी कालाष्टमी है। मान्यता है कि आज के ही दिन भगवान शिव ने अपने रौद्र रूप काल भैरव के रूप में अवतार लिया था। यह तिथि मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आती है, इसलिए इसे कालाष्टमी भी कहा जाता है।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से भय, संकट और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है तथा जीवन में शक्ति, साहस और विजय की प्राप्ति होती है।
भगवान काल भैरव को शिव का उग्र रूप और धर्म के रक्षक माना गया है। वे पापियों को दंड देते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। कहा जाता है कि 64 भैरवों के अधिपति स्वयं काल भैरव हैं। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, भगवान भैरव की पूजा-अर्चना करते हैं और पूरी रात जागरण करते हुए उनका ध्यान करते हैं।
वाराणसी और अन्य काल भैरव मंदिरों में इस अवसर पर विशेष पूजा और शोभायात्राएं आयोजित की जाती हैं। भक्त आठ अष्टभैरव मंदिरों की यात्रा कर पुण्य अर्जित करते हैं। इस व्रत का नियम है कि व्रती रात्रि में जागरण करे और अगले दिन पूजा के पश्चात फलाहार ग्रहण करें। काल भैरव जयंती का व्रत भय नाश, आत्मबल वृद्धि और जीवन में सफलता का प्रतीक है।
Panchang 12 November 2025: राष्ट्रीय मिति कार्तिक 21
शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
मास मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष
तिथि अष्टमी (रात्रि 10:52 बजे तक), उपरांत नवमी तिथि आरंभ
वार बुधवार
सौर मास कार्तिक मास प्रविष्टे 27
अंग्रेजी तिथि 12 नवम्बर 2025 ई.
सूर्य स्थिति दक्षिणायन, दक्षिण गोल
ऋतु हेमन्त ऋतु
राहुकाल मध्याह्न 12:00 बजे से 01:30 बजे तक
नक्षत्र आश्लेषा (सायं 06:35 बजे तक), उपरांत मघा नक्षत्र
योग शुक्ल योग (प्रातः 08:02 बजे तक), उपरांत ब्रह्म योग
करण बालव करण (प्रातः 10:58 बजे तक), उपरांत तैतिल करण
विजय मुहूर्त दोपहर 01:53 बजे से 02:36 बजे तक
निशीथ काल रात्रि 11:39 बजे से 12:32 बजे तक
गोधूलि बेला सायं 05:29 बजे से 05:55 बजे तक
चन्द्र स्थिति सायं 06:35 बजे तक कर्क राशि, उपरांत सिंह राशि में संचार
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

