मुहम्मद जफर सादिक एक पहुंचे हुए फकीर थे। एक दिन उन्होंने एक व्यक्ति से पूछा, ‘अक्लमंद की क्या अलामत है?’ वह व्यक्ति बोला, ‘जो नेकी और बदी में तमीज कर सके।’ फकीर सादिक ने इस पर कहा, ‘यह काम तो जानवर भी करते हैं, क्योंकि जो उनकी सेवा करते हैं, उन्हें ये नहीं काटते और जो उन्हें चोट व नुकसान पहुंचाते हैं, उन्हें वे नहीं छोड़ते।’ फकीर की बात सुनकर वह व्यक्ति बोला, ‘तब आप ही अक्लमंद व्यक्ति की पहचान बताइए।’ तब फकीर ने कहा, ‘अक्लमंद वह है, जो दो अच्छी बातों में यह जान सके कि ज्यादा अच्छी बात कौन-सी है और दो बुरी बातों में यह बता सके कि ज्यादा बुरी बात कौन-सी है? यदि उसे अच्छी बात बोलनी हो तो वह उस बात को कहे, जो ज्यादा अच्छी हो और बुरी बात कहने की लाचारी पैदा हो जाए तो जो कम बुरी है, उसे बताए और बड़ी बुराई से बचें।’ प्रस्तुति : अक्षिता तिवारी