सावन सोमवार
पहला : 26 जुलाई
दूसरा : 2 अगस्त
तीसरा: 9 अगस्त
चौथा : 16 अगस्त
मदन गुप्ता सपाटू
भगवान शिव की आराधना का विशेष महीना श्रावण आज से शुरू हो रहा है। कल सावन का पहला सोमवार है। आगामी 22 अगस्त तक सावन चलेगा, इस दौरान कुल 4 सोमवार पड़ेंगे। सावन शिवरात्रि 6 अगस्त को मनाई जाएगी।
मान्यता है कि इस माह में किए गये सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है। जिन लोगों के विवाह में परेशानियां आ रही हैं, उन्हें सावन के महीने में भगवान शंकर की विशेष पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव की कृपा से विवाह संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं। इस माह में शिव की पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। सावन के महीने में भक्त 3 प्रकार के व्रत रखते हैं- सावन सोमवार व्रत, सोलह सोमवार व्रत और प्रदोष व्रत। सावन के पहले सोमवार से 16 सोमवार तक व्रत रखने को सोलह सोमवार व्रत कहते हैं। इनके अलावा इस मास के प्रत्येक मंगलवार को श्री मंगला गौरी का व्रत भी रखा जाता है।
इस मास में महामृत्युंजय मंत्र, रुद्राभिषेक, शिव पंचाक्षर स्तोत्र आदि के पाठ से विशेष लाभ मिलता है। शिवलिंग पर मात्र बिल्व पत्र चढ़ाने से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त भांग, धतूरा, जल, कच्चा दूध, दही, बूरा, श्हद, दही, गंगा जल, सफेद वस्त्र, आक, कमल गट्टा, पान, सुपारी, पंचमेवा आदि भी चढ़ाए जा सकते हैं।
शिवलिंग पर चंपा, केतकी, नागकेशर, केवड़ा या मालती के फूल न चढ़ाएं। अन्य कोई भी पुष्प जैसे हारसिंगार, सफेद आक आदि के फूल अर्पित कर सकते हैं। बेलपत्र का चिकना भाग ही शिवलिंग पर रखना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि बेलपत्र खंडित न हो। शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए।
व्रत और पूजन विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थान की सफाई करें।
- आसपास कोई मंदिर है तो वहां जाकर भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें।
- आंख बंद कर शांति से बैठें और व्रत का संकल्प लें।
- दिन में दो बार, सुबह और शाम को भगवान शंकर व मां पार्वती की अर्चना जरूर करें।
- भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें।
- ॐ नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शंकर को सुपारी, पंचामृत, बेलपत्र चढ़ाएं।
- सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करें और दूसरों को भी व्रत कथा सुनाएं। पूजा का प्रसाद वितरण करें।