देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बचपन की घटना है। आजादी की लड़ाई में सक्रिय रूप से शिरकत करने वाले उनके पिता मोतीलाल नेहरू ने एक तोता पाल रखा था। पिंजरे में बंद तोते की देखभाल और दाना-पानी की जिम्मेदारी नौकर की थी। एक दिन जवाहरलाल स्कूल से आए तो पिंजरे में बंद तोता जोर-जोर से चिल्लाने लगा। उसे बोलता देखकर जवाहरलाल ने सोचा, तोता पिंजरे से बाहर आना चाहता है। उन्होंने पिंजरा खोल कर उसे आजाद कर दिया। तोता पिंजरे से निकल कर पेड़ की डाली पर चला गया। तभी नौकर आया और उसने जवाहरलाल के प्रति नाराजगी जताई। नौकर ने सारी घटना मोतीलाल नेहरू को सुनाई। उन्होंने जवाहरलाल को बुलाया और नाराजगी के स्वर में उससे ऐसा करने का कारण पूछा। जवाहरलाल नेहरू ने कहा, ‘आज पूरा देश आजादी चाहता है। देश की जनता के साथ ही पशु-पक्षी भी आजादी चाहते हैं। सभी को आजादी मिलनी चाहिए। इसलिए मैंने तोते को आजाद कर दिया।’ बालक जवाहरलाल के जवाब को सुनकर मोतीलाल जी अवाक रह गए। प्रस्तुति : अरुण कुमार कैहरबा