Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

अमावस्या और दिवाली पूजन...

सत्यव्रत बेंजवाल आज 31 अक्तूबर को कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समाप्ति काल सायं 3:53 है। इसके उपरांत कार्तिक अमावस प्रारंभ हो जाएगी, जो एक नवंबर को सायं 6‍:17 तक व्याप्त रहेगी। एक नवंबर को रात्रि 3:31 तक स्वाति नक्षत्र...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

सत्यव्रत बेंजवाल

आज 31 अक्तूबर को कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समाप्ति काल सायं 3:53 है। इसके उपरांत कार्तिक अमावस प्रारंभ हो जाएगी, जो एक नवंबर को सायं 6‍:17 तक व्याप्त रहेगी। एक नवंबर को रात्रि 3:31 तक स्वाति नक्षत्र विद्यमान रहेगा एवं 31 अक्तूबर को चित्रा नक्षत्र रात 12:45 तक रहेगा। शास्त्र निर्देशानुसार दीपावली पर्व एक नवंबर को मनाना उचित बताया गया है। गोकुल के संस्कृत एवं वेदान्त व्याकरणाचार्य राजेश बेंजवाल के अनुसार भी एक नवंबर को ही दीपावली (लक्ष्मी पूजन) शास्त्र-सम्मत है। उधर, काशी व मथुरा के विद्वानों का कथन है कि दीपावली 31 अक्तूबर को मनाना शास्त्र-सम्मत है।

Advertisement

शुभ मुहूर्त : 31 अक्तूबर : सायं 5:35 से 8:11 तक प्रदोष काल रहेगा और स्थिर लगन 6:27 से 8:21 तक (वृष) में लक्ष्मी पूजन करें। इस समयावधि में श्रीमहालक्ष्मी पूजन, कुबेर पूजन, बहीखाता पूजन, धार्मिक भवन एवं गृह‌भवन पर दीपक प्रज्वलित करना, विप्रगण/आश्रितों-मित्रों को भेंट व मिष्ठान बांटना शुभ रहेगा। महानिशीथ काल : रात्रि 10:52 से 1:34 तक।

Advertisement

1 नवंबर : सायं 5:35 से रात्रि 8:14 तक प्रदोष काल रहेगा और स्थिर लगन 6:22 से 8:17 तक (वृष) लक्ष्मी पूजन प्रारंभ करना शुभ रहेगा।

Advertisement
×