काम्बोज ने कहा, राणा ने हरवाया पार्टी नेतृत्व तक पहुंचा मामला
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 29 अक्तूबर
कर्णदेव काम्बोज
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब भाजपा में घमासान छिड़ गया है। पार्टी के दो बड़े नेता – कर्ण देव काम्बोज और श्याम सिंह राणा ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राणा का टिकट कट गया था और काम्बोज रादौर हलके से चुनाव हार गये। चुनाव में भितरघात के आरोप के चलते यह विवाद शुरू हुआ है। यही नहीं, चुनाव हारने वाले कई मंत्रियों ने भी हार के कारणों पर मंथन करने का मुद्दा अंदरखाने उठाना शुरू कर दिया है। काम्बोज खट्टर कैबिनेट में खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री थे।
उन्होंने 2014 में करनाल जिले के इंद्री हलके से चुनाव जीता था। भाजपा ने इस बार उन्हें इंद्री की बजाय यमुनानगर के रादौर हलके से चुनावी रण में उतारा। इंद्री में राज्यसभा सांसद रामकुमार कश्यप को टिकट दिया गया। वहीं रादौर के विधायक रहे श्याम सिंह राणा का टिकट काट दिया गया। रादौर में काम्बोज कांग्रेस प्रत्याशी बिशन लाल सैनी के हाथों चुनाव में शिकस्त खा बैठे।
चुनाव नतीजों के तीन-चार दिन बाद सोमवार को सोशल मीडिया पर तीन आॅडियो वायरल हुए। इन ऑडियो में श्याम सिंह राणा की आवाज होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि दैनिक ट्रिब्यून इस बात की पुष्टि नहीं करता है। सूत्रों का कहना है कि ये आॅडियो काम्बोज समर्थकों की ओर से जारी किए गये। ऑडियो में राजपूत समाज के वोट बैंक को विशेष निर्देश दिये जाने की आवाज सुनाई पड़ रही है।
श्याम सिंह राणा
काम्बोज का आरोप है कि श्याम सिंह राणा ने भितरघात किया और उन्हें चुनाव हरवाने में पूर्व विधायक की अहम भूमिका रही। वहीं राणा उनके आरोपों को सिरे से नकार रहे हैं। काम्बोज का तो यहां तक कहना है कि इंद्री का विधायक व मंत्री रहते हुए उन्होंने हलके में विकास के काफी कार्य करवाये। विकास कार्यों की बदौलत ही इंद्री से भाजपा उम्मीदवार रामकुमार कश्यप चुनाव जीतने में कामयाब रहे। भाजपा सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं का यह विवाद पार्टी नेतृत्व तक भी पहुंच चुका है। खट्टर कैबिनेट के 10 में से 8 मंत्रियों को इस बार चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
75 पार का लक्ष्य हासिल न कर पाने की जिम्मेदारी हो तय
चुनाव हारने वाले कुछ पूर्व मंत्रियों का कहना है कि पार्टी को हार के कारणों की समीक्षा करनी चाहिए। एक बार फिर से चुनाव जीतने वाले एक विधायक ने कहा, जब पार्टी ने ‘मिशन-75 प्लस’ का टारगेट रखा था और सीट आई केवल 40 तो ऐसे में इस हार के लिए किसी की तो जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री की लगभग पूरी कैबिनेट का चुनाव हारने का मतलब है कि कहीं न कहीं बड़ी चूक पार्टी से हुई है।
विज का ट्वीट वार
वहीं दूसरी ओर, अम्बाला कैंट से छठी बार चुनाव जीतने वाले अनिल विज ने अपना ट्वीट वार शुरू कर दिया है। विज भाजपा के अकेले ऐसे नेता हैं, जो छह बार चुनाव जीते हैं। भाजपा टिकट पर उन्होंने जीत की हैट्रिक भी लगाई है। विज ने ट्वीट करके कहा, ‘मैंने गठबंधन सरकार में किसी भी पद के लिए दावा नहीं किया। मीडिया में आई सब खबरें निराधार हैं’। अभी तक सीएम व डिप्टी सीएम के अलावा कैबिनेट में एक भी मंत्री का चयन नहीं हो सका है। ऐसे में विज का यह ट्वीट काफी कुछ इशारे कर रहा है।