छोटे हाथी की छोटी फिल्म ने जीता बड़ा अवॉर्ड : The Dainik Tribune

द एलिफेंट व्हिस्परर्स

छोटे हाथी की छोटी फिल्म ने जीता बड़ा अवॉर्ड

छोटे हाथी की छोटी फिल्म ने जीता बड़ा अवॉर्ड

हेमंत पाल

हेमंत पाल

अकादमी अवॉर्ड में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म का पुरस्कार जीतने वाली 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म का निर्देशन कार्तिकी गोंजाल्विस ने किया, जबकि, गुनीत मोंगा इसकी निर्माता हैं। 39 मिनट की इस शॉर्ट फिल्म में इंसान और जानवरों के बीच की बॉन्डिंग को दिखाया गया है। इस शॉर्ट फिल्म की कहानी दक्षिण भारतीय कपल बोमन और बेली की है, जो रघु नाम के एक छोटे अनाथ हाथी की देखभाल करते हैं। इस डॉक्यूमेंट्री को तमिल भाषा में बनाया गया था। बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म में 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' के साथ हॉल आउट, द मार्था मिशेल इफेक्ट, स्ट्रेंजर एट द गेट, और 'हाउ डू यू मेज़र ए ईयर' भी नॉमिनेट थीं, लेकिन 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' ने जीत हासिल की।

खास बात यह कि 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' इस श्रेणी में ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म है। इसके बाद नामांकित होने वाली तीसरी फिल्म। इससे पहले 1969 में 'द हाउस दैट अनानंदा बिल्ट' और 1979 में 'एन एनकाउंटर विथ फेस बेस्ट' डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म का खिताब अपने नाम किया था।

'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' मुदुमलाई नेशनल पार्क में स्थापित हाथी फुसफुसाते हुए, बोम्मन और बेलि, एक स्वदेशी जोड़े की देखभाल में रघु नाम के एक अनाथ हाथी के बछड़े की कहानी है। डॉक्यूमेंट्री न केवल उनके बीच बनने वाली बॉन्डिंग के साथ प्राकृतिक सुंदरता को भी बेहतरीन ढंग से दिखाया गया है। 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' को नेटफ्लिक्स पर दिसंबर 2022 में रिलीज किया गया था।

पांच साल में शूट हुई फिल्म

फिल्म की डायरेक्टर कार्तिकी ने पांच साल तक बोमन और बेली की जिंदगी को करीब से देखा। कार्तिकी ने बेबी हाथी रघु के साथ जो पल बिताए, वे सब फिल्माए गए। रघु के शॉट के लिए उसे कोकोनट मिक्सचर खिलाया जाता था। इसे खाकर वह खुशी से झूम उठता और फिर ये मोमेंट्स फिल्माए। इस तरह साढ़े चार सौ घंटे के फुटेज इकट्ठा हुए। ये शॉर्ट फिल्म तमिलनाडु के मुदुमलाई रिजर्व में फिल्माई गई है। इसमें लोकेशन की प्राकृतिक सुंदरता दिखाई गई। साथ ही प्रकृति के लिए आदिवासियों का समर्पण भी दिखाया गया। बताया गया है कि कैसे आदिवासी प्रकृति को सहेजे हुए हैं। ये फिल्म पर्यावरण संरक्षण की भारतीय संस्कृति और परंपरा को भी दिखाती है।

फिल्म की कहानी

फिल्म के शुरू में बेहतरीन प्राकृतिक दृश्य दिखाए गए हैं। बमन अपने हाथी रघु को नदी में नहलाने लेकर जाते हैं। बमन और हाथी रघु के बीच अलग तरह का लगाव बताया गया है। बमन बताता है कि रघु उसे जंगल में घायल मिला था। जंगली कुत्तों ने उसकी पूंछ काट ली थी। वह बेहोशी की हालत में पड़ा था। रघु की मां की मौत बिजली के झटके लगने से हो गई थी। रघु को उसके झुंड से मिलाने की काफी कोशिश की गई थी। लेकिन, सभी कोशिशें नाकाम रही। बेली को हाथियों के बच्चों की देखभाल के लिए चुना गया था। वह एकमात्र महिला है, जो ऐसा कर रही थी। बेली और बमन रघु की देखभाल करते हैं। इस शॉर्ट फिल्म में मानव और हाथियों के बीच प्यार और लगाव को दिखाया गया है। बताया गया कि किस प्रकार अपने झुंड से बिछुड़े हाथियों की देखभाल की जाती है।

प्रियंका चोपड़ा अभिभूत

इस शॉर्ट फिल्म की प्रियंका चोपड़ा ने भी तारीफ की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर इसकी स्टोरी साझा की। इसमें उन्होंने एक पोस्टर भी शेयर किया। उन्होंने लिखा 'भावनाओं से भरी दिल को छू लेने वाली डॉक्यूमेंट्री, मैंने हाल ही में देखी है बहुत अच्छी लगी है। इस अद्भुत कहानी को जीवंत करने के लिए कार्ति गोंसाल्विस और गुनीत मोंगा को बहुत बहुत धन्यवाद।'

भारत के लिए इसलिए ख़ास

95 वें ऑस्कर अवॉर्ड्स में भारत के लिए यह साल बेहद खास है। सभी नामांकित लोगों ने अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की उपस्थिति के साथ ऑस्कर में भाग लिया, जो इस बार प्रस्तुतकर्ता रहीं। पर्सिस खंबाटा और प्रियंका चोपड़ा के बाद ऑस्कर में प्रस्तुति देने वाली तीसरी भारतीय एक्ट्रेस हैं।

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