सोनीपत, 15 नवंबर (हप्र)
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल के कुलपति प्रो. राजेंद्रकुमार अनायत ने कहा कि बॉयोमेडिकल का हमारे जीवन में अहम योगदान है। इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। जनसंख्या में वृद्धि के चलते आज बायोमेडिकल इंजीनियरों की जितनी आवश्यकता है, उतने उपलब्ध नहीं हैं।
वह दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग वर्कशॉप में बोल रहे थे। वर्कशॉप में प्रायोगिक प्रदर्शन के माध्यम से ओरिकुलर थेरेपी की जानकारी दी गई। प्रो. अनायत ने कहा कि बायोमेडिकल इंजीनियर अस्पतालों, नर्सिग होम्स, रिसर्च लैब्स, दवा बनाने वाली कंपनियों व हेल्थकेयर कंपनियों में रोजगार पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए भविष्य में कई दिन की ओरिकुलर थेरेपी पर वर्कशॉप करवाई जाएगी। ताकि विद्यार्थी इस विधि का लाभ उठाकर रोजगार क्षेत्र में आगे बढ सकें। इस दौरान ओरिकुलर थेरेपिस्ट प्रोमिला अहलावत ने कहा कि ओरिकुलर थेरेपी में बिना रसायन का प्रयोग से अनेक बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। ओरिकुलर थैरेपी में कान में नर्व एंडिग्स प्वाइंट को दबाया जाता है। यह चिकित्सा पद्धति बेहद सस्ती है तथा इसका स्वास्थ्य पर प्रतिकुल प्रभाव नहीं पड़ता।