मीनाक्षी वाशिष्ठ
कैसे मां-बाप हैं आप? डॉ. स्वाति लोढ़ा द्वारा परवरिश पर लिखी गयी इस पुस्तक की सबसे बड़ी विशेषता है इसका सतत प्रवाह। सरल भाषा में लिखी गयी इस पुस्तक में 27 अध्याय हैं जिनमें चंद्रमा की यात्रा के साथ परवरिश के विभिन्न दौरों को जोड़ा गया है। 27 नक्षत्रों का हवाला देते हुए महाराजा दक्ष की 27 पुत्रियों के साथ चंद्रमा के विवाह का जिक्र किया गया है। स्वाति ने भारतीय पौराणिक कथाओं का आश्रय लेते हुए कथाओं को स्वप्न के रूप में दर्शाते हुए परवरिश के फलसफे को प्रस्तुत किया है।
पुस्तक मुख्यत: छह भागों में विभाजित है जिनमें परवरिश यात्रा का शुभारंभ, बच्चों का संसार, क्या अभिभावक महत्वपूर्ण हैं, परवरिश की सात शैलियां, मून पेरेंटिंग और पांच की शक्ति का विस्तृत उल्लेख है। पौराणिक पात्रों अश्विनी कुमार, सूर्यदेव, रानी संध्या, देव कार्तिकेय, कृतिका, रोहिणी, भगवान कृष्ण, विष्णु, रुद्रदेव, सरस्वती, लक्ष्मी, शिव-पार्वती, ऋषि वशिष्ठ, कामधेनु गाय एवं उसकी पुत्री नंदिनी, तक्षक, राजा द्रुपद और उनकी संतानों धृष्टद्युम्न और द्रौपदी के किस्सों का बखान करते हुए अभिभावकों की दुविधाओं, जिम्मेदारियों और महत्वाकांक्षाओं को उजागर किया गया है।
पुस्तक के अंतिम भाग ‘मून पेरेंटिंग-2’ में पांच की शक्ति यानी 5 आधार, 5 अनुशासन, 5 अधिकार, 5 सत्य एवं 5 कर्तव्यों को बच्चों के भीतर समाहित करने पर बल दिया गया है। इस भाग में गौतम बुद्ध हल्की मुस्कुराहट के साथ चंद्रमा को कहते हैं, ‘माता-पिता और बच्चों के बीच सेतु बनाये रखना जरूरी है। तुम भी पांच शक्तियों के माध्यम से परवरिश की नयी व्याख्या करो।’ लेखिका इन्हीं 5 शक्तियों को स्तंभों के रूप में हर बच्चे के जीवन में स्थापित करने पर बल देती हैं। लेखिका ने कई प्रकार के उदाहरण देते हुए परवरिश जैसे महत्वपूर्ण विषय को आसानी से समझाने का प्रयास किया है।
पुस्तक : कैसे मां-बाप हैं आप ? लेखिका : डॉ. स्वाति लोढ़ा प्रकाशक : डायमंड पाॅकेट, नयी दिल्ली पृष्ठ : 224 मूल्य : रु. 295.