चंडीगढ़/पंचकूला, 12 अगस्त (नस)
रात को डयूटी खत्म करने के बाद घर लौट रही कॉल सेंटर इम्पलाई के साथ साल 2016 में गैंग रेप करने के दोषी मोहम्मद इरफान को फांसी दी जाए या नहीं, इसका फैसला जिला अदालत में कल सुनाया जायेगा। अदालत ने पीड़िता के बचाव पक्ष द्वारा दायर अर्जी पर मामले में धारा 376-ई (बार-बार सजा) को शामिल कर लिया है। अदालत ने पिछली सुनवाई पर धारा 376-ई को शामिल करने की मंजूरी देते हुए इरफान की सजा पर 13 के लिए फैसला सुरक्षित रखा। उसके साथ गैंग रेप में दूसरे दोषी कमल हसन को दोषी करार दिया था। जिला अदालत में कल आरोपी मोहम्मद इरफान के बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष में बहस होगी। पीड़ित युवती के परिजनों ने न्यायलय से दोषी के लिए मृत्युदंड दिए जाने की अपील की है।