बादली वाले ‘छोटे स्वामीनाथन’ इन दिनों बड़े खुश हैं। हाल ही में बेटे की शादी की है। 3 दिन पहले पैतृक गांव ढाकला में विवाह समारोह के दौरान लंच का आयोजन किया था। हरियाणावी परंपरा और संस्कृति के अनुसार इसी दिन भात भी लिया गया। भातियों यानी मामा पक्ष की ओर से भात में हैप्पी सीडर भेंट किया गया। छोटे स्वामीनाथन ने यह हैप्पी सीडर अपने गांव ढाकला को सौंप दिया है। अब ढाकला गांव में कोई भी किसान फसलों के अवशेष नहीं जलाएगा। इस अनोखे भात से गद्गद दिखे छोटे स्वामीनाथन की खुशियां रोके नहीं रुक रहीं। शादी में पहुंचे मेहमानों को भी इस बारे में बताया गया। वैसे इस तरह का भात अगर सभी गांवों में आना शुरू हो जाए तो पराली के अवशेष जलाने की नौबत किसानों के सामने आएगी ही नहीं। एक भाई ने तो सरकार को ही सलाह दे डाली कि भात न सही कम से कम गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में कन्यादान योजना के बहाने ही सभी गांवों तक यह उपकरण पहुंचा दे।
ग्रुप ‘डी’ और रागिनी
हरियाणा में अलग-अलग चरणों में हुई ग्रुप ‘डी’ की भर्तियों की दौड़-धूप से तंग कुछ बेरोजगारों ने इस पर रागिनी बना डाली है। सोशल मीडिया पर इस रागिनी को लाखों लोग सुन चुके हैं। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रुप ‘डी’ के 18 हजार पदों के लिए भर्ती निकाली थी। 17 लाख युवाओं ने आवेदन किया। सभी के लिखित पेपर भी हुए। युवा दुखी इस बात को लेकर हुए कि उनके परीक्षा केंद्र उनके जिले एवं गांव से 250 से 300 किमी दूर बनाए गए। इसका जवाब न तो आयोग दे रहा है और न ही सरकार कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी, जो पलवल के युवाओं को कुरुक्षेत्र और कालका वालों को महेंद्रगढ़ में जाकर पेपर देने पड़े।
शादी का कार्ड
आमतौर पर शादियों के कार्ड इनकी कीमत को लेकर चर्चाओं में आते हैं। तोशाम के धूप सिंह घणघस के बेटे वीरेंद्र की शादी का कार्ड इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। धूप सिंह हिसार सांसद दुष्यंत चौटाला का समर्थक है। उसने शादी के कार्ड पर न केवल दुष्यंत चौटाला का फोटो छपवाया है, बल्कि उस पर सबसे ऊपर ‘भाई दुष्यंत चौटाला जिंदाबाद’ भी लिखवाया है। अपने गांव ही नहीं रिश्तेदारी सहित तमाम जगहों पर धूप सिंह ने यही कार्ड बांटा है। अब समर्थकों को कोई कैसे रोक सकता है।
काका का जलवा
सुल्तानपुर में पीएम नरेंद्र मोदी की सफल रैली करने के बाद खट्टर काका पूरे जोश में हैं। विपक्षी दलों ही नहीं, पार्टी में भी अपने विरोधियों को खुलकर जवाब दे रहे हैं। दे भी क्यों नहीं। अब तो काका के राजनीतिक गुुरु यानी पीएम ने भी उन्हें अपना पूरा ‘आशीर्वाद’ दे दिया है। डेढ़ महीने के अंतराल में दो बार हरियाणा आए मोदी ने खुलकर खट्टर की तारीफ की और उनकी पीठ थपथपाई। वैसे भी जब ‘बिग-बॉस’ का साथ हो तो किसी से डरने या दबने की जरूरत नहीं होती। सो, अपने काका भी अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुके हैं। जमकर घोषणाएं कर रहे हैं और ग्राउंड पर मोर्चाबंदी में जुटे हैं। काका चंडीगढ़ में कम और गांवों-शहरों में अधिक रहते हैं।
केजरीवाल की कॉल
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल हरियाणा को लेकर कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गए हैं। माने नहीं मान रहे हैं और रोके नहीं रुक रहे हैं। भाजपाइयों ने बड़ी मेहनत करके उन्हें असंध में डिस्पेंसरी के निरीक्षण से तो रोक दिया, लेकिन अब साहब ने सभी दस लोकसभा क्षेत्रों में रैलियां रख दी हैं। यही नहीं, अब तो हरियाणा की जनता के पास केजरीवाल के रिकार्डेड फोन भी आने शुरू हो गए हैं। ठेठ हरियाणवी में केजरीवाल दिल्ली के सरकारी स्कूलों एवं अस्पतालों का जिक्र कर रहे हैं। कह रहे हैं हमने तो पूरी दुनिया को ये स्कूल-अस्पताल देखने के लिए बुलाया है और खट्टर साहब हमें एक डिस्पेंसरी तक नहीं देखने देते। वैसे लोग इस कॉल को बड़े ध्यान से सुन रहे हैं। अब यह तो वक्त ही बताएगा कि इसका क्या फायदा होने वाला है।
अब दफ्तर-दफ्तर
इनेलो और चौटाला परिवार में बिखराव के बीच अब पार्टी दफ्तरों पर विवाद छिड़ गया है। अभय के समर्थकों ने रोहतक दफ्तर पर ताला क्या लगाया, दुष्यंत समर्थक बिफर पड़े। जिलाध्यक्ष के नाम की प्लेट अखाड़ फेंकी और जिला कार्यालय पर अपना ताला लगा दिया। अब बिल्लू भाई के समर्थक इसे कैसे बर्दाश्त करते। अगले ही दिन झज्जर दफ्तर में लगा अजय चौटाला के नाम का बोर्ड तोड़ दिया। कहने वाले कह रहे हैं कि यह तो अभी शुरुआत है। अभी तो बहुत कुछ होना और देखना बाकी है। वैसे चंडीगढ़ वाला दफ्तर तो अभय ने खुद ही खाली कर दिया है। विधायक नैना चौटाला के सरकारी फ्लैट में पार्टी मुख्यालय चल रहा था। यहां इनसो का मुख्यालय बनने जा रहा है।
पिंडारा में रैली
हिसार सांसद दुष्यंत ने जींद में 9 दिसंबर की रैली के लिए सबसे बड़े मैदान का चुनाव किया है। रोचक बात यह है कि जिस पिंडारा गांव की जमीन पर यह रैली होगी, वह महाभारतकालीन गांव है। इसी गांव में पांडवों ने अपने पूर्वजों का पिंडदान किया था। पांडु-पिंडारा हिंदुओं का बड़ा तीर्थस्थल है। बताते हैं कि नयी पार्टी के गठन के लिए इस धार्मिक जगह को सोच-समझ कर चुना गया है। एक और नयी चर्चा इस जंग के बीच सामने आई है। बताते हैं कि अजय कैंप ने अब सैद्धांतिक तौर पर फैसला लिया है कि वे अपने किसी भी भाषण में पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला और विपक्ष के नेता अभय चौटाला का नाम नहीं लेंगे। वे देवीलाल के नाम पर ही राजनीति को आगे बढ़ाएंगे।
ताऊ की यात्रा
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों में शुमार सांघी वाले ताऊ चुनाव की कमान संभालने से पहले शक्ति प्रदर्शन करेंगे। 25 नवंबर को बरवाला से जनक्रांति रथयात्रा के सातवें चरण की शुरुआत बड़ी रैली से करेंगे। रैली के बाद रथयात्रा स्थगित कर दी जाएगी। यह फिर राजस्थान चुनाव के बाद पूरी होगी। पार्टी के संचार विभाग के चेयरमैन रणदीप सुरजेवाला, कुमारी सैलजा व कुलदीप बिश्नोई भी स्टार प्रचारकों में शामिल हैं। कई भाई लोग तो इसी बात को लेकर खुश हो गए हैं कि उनके नेताजी का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में आ गया है। अब इन्हें कौन समझाए कि होगा वही, जो ‘युवराज’ तय करेंगे।
-दिनेश भारद्वाज