शशिकांत/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
शिमला, 6 मई
हिमाचल प्रदेश के साढ़े अठाईस सौ मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां सड़क की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में केवल पैदल चलकर ही इन मतदान केंद्रों तक पहुंचा जा सकता है। कई मतदान केंद्र तो ऐसे हैं जहां पहुंचने के लिए चुनाव कर्मियों को 10-10 किलोमीटर तक का लम्बा सफर तय करना पड़ता है। कांगड़ा जिले में 14 मतदान केंद्र ऐसे हैं जहां पूरा दस किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है। इसी जिले में 16 मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए सात से दस किलोमीटर तक का पैदल सफर करना पड़ता है। 21 मतदान केंद्रों पर पहुंचने के लिए पांच से सात किलोमीटर और 45 मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए तीन से पांच किलोमीटर तक का पैदल सफर तय करना पड़ता है। उधर चंबा जिले में बारह मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां दस किलोमीटर का पैदल सफर तय करके पहुंचा जा सकता है। 11 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां सात से दस किलोमीटर तक का सफर करके पहुंचा जा सकता है। दस मतदान केंद्रों के लिए पांच से सात किलोमीटर और नौ मतदान केंद्रों के लिए तीन से पांच किलोमीटर तक का पैदल सफर करना पड़ता है।
शिमला जिले में दस किलोमीटर तक के पैदल सफर वाले मतदान केंद्रों की संख्या 13 है। जबकि सात से दस किलोमीटर तक का पैदल सफर करके पहुंच सकने वाले मतदान केंद्रों की गिनती इस जिले में बारह है। जिले में 43 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए तीन से पांच किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है। कुल्लू जिले में दस किलोमीटर तक का पैदल सफर वाले मतदान केंद्रों की संख्या अन्य जिलों के मुकाबले में काफी कम है। यहां केवल चार मतदान केंद्र ऐसे हैं जो दस किलोमीटर की पैदल दूरी पर है। सात से दस किलोमीटर की पैदल दूरी वाले मतदान केंद्रों की संख्या जिले में 16 है, जबकि पांच से सात किलोमीटर के पैदल सफर वाले मतदान केंद्रों की संख्या 18 है। 32 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां तीन से पांच किलोमीटर तक का पैदल सफर करके पहुंचा जा सकता है।
प्रदेश में ऐसे मतदान केंद्र भी हैं, जहां पहुंचने के लिए लगभग 15 किलोमीटर तक का पैदल सफर करना पड़ता है। इन मतदान केंद्रों की संख्या डेढ़ दर्जन के करीब है। चंबा जिले की पांगी घाटी में 11,709 फुट की ऊंचाई पर स्थित चस्क भटोरी मतदान केंद्र ऐसा ही एक मतदान केंद्र है, जहां 15 किलोमीटर लम्बा पैदल सफर करके ही पहुंचा जा सकता है। शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र में स्थित कासा मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए भी 15 किलोमीटर की दूरी को पैदल ही तय करना पड़ता है।